रायगढ़। घरेलू कामकाज के नाम से युवती को रख कर उसे देहव्यापार के लिए मजबूर करने व हरियाणा में बेचने का प्रयास करने वाली महिला को न्यायालय ने आजीवन कारावास व एक लाख एक हज़ार रुपय के अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। वही उसका दैहिक शोषण करने वाले तीन आरोपियों को 12 वर्ष का कारवास व 2 लाख दो हज़ार रुपय के जुर्माने से दंडित किया है। साथ ही जुर्माने के रकम में से 2 लाख रुपय पीड़िता को देने का आदेश विशेष न्यायालय ने दिया है।
वीओ 01 मामला दो साल पूर्व का है। 18 वर्षीय युवती की वर्ष 2020 में माता का निधन होने के बाद पिता के प्रताड़ित करने से वह घर छोड़ कर आ गयी थी। रायगढ के मंगलूडीपा निवासी सुरभि सिदार से उसकी मुलाकात हुई जिसे उसने आप बीती बताई। सुरभि सिदार युवती को घरेलू कामकाज करने के नाम से घर ले आयी। वही अलग अलग दिन कुछ लड़कों को बुलवा कर उसका दैहिक शोषण करवा रही थी। पैसे लेकर देहव्यापार कराने की जानकारी युवती को मिली तो उसने सुरभि से इसका विरोध किया। युवती के बढ़ते विरोध को देखते हुए सुरभि ने उसे हरियाणा में ले जाकर बेचने का फैसला किया और ट्रक में बिठा कर ले जा रही थी। इसी दौरान रायपुर के पास युवती किसी तरह बच कर निकल गयी और तेलीबांधा थाना की शरण ली। चूंकि मामला रायगढ़ के कोतरा रोड थाना क्षेत्र का था लिहाजा रायपुर पुलिस ने केस डायरी कोतरा रोड थाने भिजवा दी थी। वही पुलिस ने आरोपी महिला सुरभि सिदार व दैहिक शोषण करने वाले आरोपी मोहम्मद आलम, यूसुफ शेख व प्यारुल शेख के विरुद्ध जुर्म दर्ज करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया था जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया था। वही मामले की सुनवाई करते हुए एस्ट्रोसिटी एक्ट विशेष न्यायालय के न्यायधीश जितेंद्र कुमार जैन ने देहव्यापार के लिए बाध्य करने व हरियाणा में ले जाकर बेचने का प्रयास करने के मामले में सुरभि सिदार को आजीवन कारावास व एक लाख रुपय का अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। वही दैहिक शोषण करने वाले तीनो आरोपियों को 12 वर्ष का कारावास और 2 लाख 2 हज़ार रुपय जुर्माना किया है। वही जुर्माने की राशि मे से 2 लाख रुपय पीड़िता को देने का आदेश दिया है। शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक अनूप कुमार साहू ने पैरवी की है।

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