रायगढ़। यह जिला औद्योगिक विकास के साथ साथ पर्यावरण प्रदूषण का दंश भी झेल रहा है। पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए ई आई ए रिपोर्ट में कंपनियां पर्यावरण सुरक्षा को लेकर काफी गंभीर दिखाई देती है लेकिन कोई भी इसे फॉलो नही करता ।यही कारण है कि रायगढ़ जिला भयंकर प्रदूषण के चपेट में है। नव पदस्थ कलेक्टर को इस पर लगाम लगाने होंगे । वैसे रायगढ़ के पर्यावरण विभाग मॉनिटरिंग तो कर रही है लेकिन कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। विभाग मालामाल हो रहा है और कंपनियां  नियमो का घोर उल्लंघन कर रही हैं।

यह सब पर्यावरण विभाग के शह पर ही हो रहा है। लोग इसको लेकर शिकायत करने अधिकारियों के पास जाते हैं ,मीडिया में खबरे उछलती है और अधिकारियों को फायदा मिल जाता है।  रायगढ़ पूर्वी अंचल वायु प्रदूषण के चपेट में है।  संबलपुरी रोड में स्थित मां शाकंभरी स्टील हो या फिर शिव शक्ति स्टील या फिर माँ मंगला इस्पात इनके द्वारा भारी अनियमितता बरती जा रही है।ई इस पी नही चलाई जा रही है जिससे इस क्षेत्र का जल जंगल और वायु प्रदूषण के चपेट में हैं। सभी पेड़ पौधे काले डस्ट से पहचान में नही आ रहे वही जंगली जानवरों के अलावा पालतू पशुओं के चारे भी काले हो गए हैं ऐसे में प्रदूषित चारे खाने से वन्य पशुओं के अलावा पालतू पशुओं को भी बीमारी का  खतरा बढ़ गया है।

आम आदमी के फेफड़े भी श्वास लेने के कारण खतरा बढ़ गया है।टी बी श्वांस जैसे गम्भीर बीमारियों के चपेट में पूर्वांचल के लोग आ सकते हैं। क्षेत्र में श्वांस संबंधी तकलीफें भी देखी जा सकती है। एम एस पी स्टील प्लान्ट हो या इंड सिनर्जी लिमिटेड सभी प्लांट काले धुंए उगल रहे हैं। इस क्षेत्र की उद्यानिकी फसलें भी प्रभावित हो रही हैं ।प्रदूषण के कारण उत्पादन भी प्रभावित हो रहा है। पर्यावरण विभाग को चाहिए कि इन प्लांटों को सिर्फ नोटिस ही न थमाए वरन ऐसे प्लांटों को बन्द कर देना चाहिए।

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