वर्धा, : महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के संस्कृति विद्यापीठ के पूर्व अधिष्ठाता एवं गांधी एवं शांति अध्ययन विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. नृपेन्द्र प्रसाद मोदी को भारतीय गांधीयन अध्ययन समिति (आईएसजीएस) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में चुना गया है। समिति का 45 वां वार्षिक अधिवेशन हाल ही में मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय, हैदराबाद में आयोजित किया गया था, जिसमें उन्हें दूसरी बार यह दायित्व दिया गया। इससे पूर्व प्रो. मोदी पुणे में हुए वार्षिक अधिवेशन में उपाध्यक्ष चुने गए थे। हैदराबाद के अधिवेशन में 2025-27 के कार्यकाल के लिए 20 सदस्यीय कार्यकारिणी समिति का गठन किया गया। समिति में उडिसा के प्रो. एस. सी. जेना को अध्यक्ष, महाराष्ट्र के प्रो. नृपेन्द्र प्रसाद मोदी, तेलंगाना के प्रो. मोहम्मद फ़रियाद व पंजाब के प्रो. मनीष शर्मा को उपाध्यक्ष, राजस्थान के प्रो. सीताराम चौधरी को महासचिव, डॉ. बाबूलाल देवंदा को कोषाध्यक्ष तथा अन्य कार्यकारिणी सदस्यों का चुनाव किया गया। अधिवेशन के दौरान 6वें तकनीकी सत्र की अध्यक्षता समिति के नवनियुक्त महासचिव प्रो. सीताराम चौधरी ने की जिसमें प्रो. मोदी ने ‘गांधी का संचार-दर्शन और स्वतंत्रता आन्दोलन’ विषय पर बीज वक्तव्य दिया। 7 वें तकनीकी सत्र की अध्यक्षता प्रो. आर. पी. द्विवेदी ने की। सत्र में प्रो. नृपेन्द्र प्रसाद मोदी एवं डॉ. सुनीता कुमारी चौरसिया का संयुक्त शोध प्रो. मोदी ने प्रस्तुत किया।
प्रो. मोदी के दूसरी बार उपाध्यक्ष बनने पर महात्मा गांधी अंतराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कृष्ण कुमार सिंह, विवि के गांधी एवं शांति अध्ययन विभाग के अध्यक्ष डॉ. राकेश मिश्रा ने प्रसन्नता व्यक्त कर उन्हें बधाई दी है। खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के पूर्व क्षेत्रीय सदस्य बसंत, बिहार विधान सभा के सदस्य डॉ. संजीव कुमार चौरसिया, नई दिल्ली के हर्ष रंजन, नोएडा के डॉ. विमलेश कुमार ने भी उन्हें बधाई दी है।
