वेदमणी ठाकुर ‘बेदम’ संगीत तथा साहित्य के महान पुरोधा थे। 9 जून को ब्रम्ह लीन होने की खबर पाकर समस्त संगीत और साहित्य समाज दारुण्य हो उठा। उनके अंतिम दर्शन हेतु जन सैलाब उमड़ पड़ा। अपने जीवन को पूर्णतः जीने वाले विरले मिलते हैं उनमे से एक बेदम जी हैं। 91 वर्ष की आयु तक पाने को कुछ शेष नही रह जाता। जो सम्मान और आदर उन्हे कला गुरु के रूप मे मिला उससेे वे संतुष्ट थे।
संगीत को जहाँ उन्होंने नया आयाम दिया वही साहित्य को समकक्ष स्थान दिया। चक्रधर सम्मान और भवानी शंकर मुकर्जी सम्मान से सम्मानित संगीत गुरु बेदम जी पत्रपत्रिकाओं मे निरंतर छपते रहे। खुद की लिखी गजलों को जब वे कहते तो लगता वृद्धावस्था मे उनकी आवाज इतनी बुलंद है तो युवा अवस्था मे कैसी रही होगी। प्रत्येक साहित्यकार से विनम्रता से मिलते। लिखने के कुछ गुर भी बताते। हर साहित्यकार को एक बार उनसे मिलने की ललक अंत तक बनी रही। बेदम जी रायगढ़ के इतिहास मे अमर हैं। वेदमणि सिंह ठाकुर ने लक्ष्मण संगीत महाविद्यालय को अपने दिवंगत पिता जगदीश सिंह दीन “मृदंगार्जुन” की विरासत के तौर पर ना केवल सहेजा संभाला बल्कि इस संस्थान से हज़ारों बच्चों युवाओं को शास्त्रीय संगीत की तालीम दी। उनके द्वारा प्रशिक्षित तमाम शिष्य देश दुनिया में संगीत साधना के ज़रिए नाम कमा रहे हैं। उन्हीं के शिष्यों में से कुछ ने रायगढ़ में संगीत शिक्षा के अलग अलग संस्थान संचालित कर लिये हैं, इन संस्थानों से भी बड़ी तादाद में बच्चे और युवा शास्त्रीय संगीत की परंपरागत शिक्षा हासिल कर रहे हैं। कलागुरु वेदमणि सिंह ठाकुर का नाम रायगढ़ में चक्रधर समारोह की नींव रखने वालों में लिया जाता है। आज उनके निधन से रायगढ़ ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ की समूचे कला जगत को अपूर्णीय क्षति हुई है। रायगढ़ के संदर्भ में अगर देखें तो शास्त्रीय संगीत की परंपरागत शिक्षा के लिहाज़ से एक समृद्ध युग का अंत हो गया है, कलागुरु वेदमणि सिंह ठाकुर के निधन के बाद जो शून्य निर्मित हुआ है, उसकी भरपाई असंभव है। समस्त साहित्य एवं कला समाज, काव्य वाटिका, राष्ट्रीय कवि संगम, संस्कार भारती, इप्टा रायगढ़ गुड़ी रायगढ़ के समस्त सदस्य, तथा युवा कलाकार समिति, आर्ट प्लेयर्स एवं आर्ट स्पेश समूह, श्री वैष्णव संगीत महाविद्यालय राजापारा रायगढ़ छत्तीसगढ, मधुगुंजन संगीत समिति रायगढ, चक्रधर कला एवं संगीत महाविद्यालय, बोईरदादर, कला विकास केन्द्र बिलासपुर, मां वैष्णवी संगीत महाविद्यालय सारंगढ़ रायगढ़, रिदम कल्चरल सेंटर, मेडिकल कॉलेज रोड, ओडिशि नृत्यालय, रायगढ़, आयात कथक डांस एकेडमी, रायगढ़ नृत्य कला संस्थान, बाजीराव पारा, श्री नटराज नृत्य कला केन्द्र, रायगढ़, फ्यूजन म्यूजिक एण्ड डान्स, कोतरा रोड, रूद्र कला केंद्र, चक्रधरनगर, सौरभ श्याम संगीत सृजन केन्द्र बोईरदादर, दीपिका नृत्यालय रेलवे बंगला पारा, रायगढ़ नृत्य कला संस्थान, छन्दम डान्स अकादमी, वनिता साहित्यिक साँस्कृतिक एवं कला मंच, शीला बाल साहित्य उद्यान, मानव कल्याण मंच, के सभी सदस्य अपने कलागुरु वेदमणि सिंह ठाकुर को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं साथ ही उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता है। इस दुःख की घड़ी में सभी साथी कलागुरू के परिवार के साथ है।

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