रायगढ़ l नगर निगम की सामान्य सभा बेहद हंगामेदार रही। सामान्य सभा में 700 करोड़ से अधिक के विकास कार्यों पर चर्चा होनी थी। जैसे ही चर्चा शुरू हुई कांग्रेस पार्षदों ने भाजपा पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाना शुरू कर दिया। कांग्रेस का कहना था कि एजेंट में कई प्रस्तावों को दो-दो बार शामिल किया गया है जिससे लगभग डेढ़ सौ करोड रुपए के भ्रष्टाचार की बू आ रही है। कांग्रेस पार्षदों का यह भी आरोप था कि सदन में उन्हें बोलने नहीं दिया जा रहा है और बहुमत से सारे प्रस्ताव पारित कर दिए जा रहे हैं। सभा में देर तक हंगामें की स्थिति रही। आखिरकार सभी प्रस्तावों को बहुमत से पास कर दिया गया।
दरअसल 48 वार्डों वाले रायगढ़ नगर निगम में कांग्रेस 12 पार्षदों के साथ अल्पमत में है। मंगलवार को नगर निगम की सामान्य सभा बुलाई गई थी। सामान्य सभा में मुख्यमंत्री नगर उत्थान योजना के तहत 520 करोड़, सिटी डेवलपमेंट प्लान के अंतर्गत 100 करोड एवम अन्य मद में 80 करोड़ के विकास कार्य शामिल किये गए थे। एजेंडे में मुख्य रूप से 60 करोड़ की लागत से मरीन ड्राइव निर्माण, तालाबों के सौंदर्यीकरण के लिए 20 करोड़, स्टेडियम जीर्णोद्धार के लिए 13.5 करोड़, बस टर्मिनल के लिए 39 करोड़, होलसेल मार्केट के लिए 7 करोड़ के प्रस्ताव शामिल थे। जैसे ही सामान्य सभा शुरू हुई कांग्रेस पार्षदों ने कुछ बिंदुओं पर आपत्ति जताई। कांग्रेस का कहना था कि कई प्रस्ताव को टुकड़ों में और अलग-अलग योजनाओं में दो बार स्वीकृत किया जा रहा है। ऐसे में आने वाले समय में स्वीकृत राशि से भ्रष्टाचार की आशंका है। कांग्रेस का यह भी कहना था कि उन्होंने जो सवाल पूछे थे उनका संतोषजनक जवाब नहीं मिल पाया है। सदन में आपत्ति करने पर कांग्रेस पार्षदों को बोलने के लिए समय भी नहीं दिया जा रहा। शहर सरकार सामान्य सभा में मनमानी ढंग से प्रस्तावों को पारित कर रही है, जिसका कांग्रेस पार्षदों ने विरोध किया है।
इधर मामले में महापौर जीवर्धन चौहान गड़बड़ियों की बात को खारिज कर रहे हैं। श्री चौहान का कहना है कि कांग्रेस विपक्ष में है इसलिए बेवजह की राजनीति कर रही है। बैठक में शहर विकास से जुड़े 700 करोड़ से अधिक के प्रस्ताव को सहमति दी गई है। जल्द इन योजनाओं का अमली जामा पहनाया जाएगा।