रायगढ़। नजूल विभाग में नजूल भूमि के नवीनीकरण के लिए आने वाले फाईल पर अनावश्यक दस बिंदु पर आपत्ति लगाकर जिस तरह से परेशान किया जा रहा है इस पर शहर के आम जनता के सेवक के नाम से मशहूर बजरंग अग्रवाल ने मोर्चा खोल दिया है। और कहा कि क्या विष्णु के सुशासन में नजूल विभाग के भर्राशाही तौर तरीकों पर अंकुश लग पाएगा।
आम जनता के सेवक एवं कांग्रेस कार्यकर्ता बजरंग अग्रवाल ने मांग की है कि रायगढ़ शहर में करीब 200 नजूल पट्टे पिछले दो साल से नवीनीकरण के लिए पेंडिंग पड़े हैं। जिनका नवीनीकरण नहीं हो रहा है। इसके कारण आम जनता न तो कोई जमीन खरीद पा रही है और न ही बेच पा रही है, इतना ही नहीं अपने व्यापार के लिए बैंक से ऋण भी प्राप्त नहीं कर पा रहा है। प्रशासन को कई बार अवगत कराने के बाद भी प्रशासन बेखबर बना हुआ है। श्री अग्रवाल ने आरोप लगाया है कि सरकार हर मीटिंग में राजस्व के मामलों को तत्काल निराकरण करने की बात करते हैं। यह बात खाली बात ही रह गई काम तो हो नहीं रहा है, नजूल ऑफिस से नवीनीकरण की पूरी प्रक्रिया होकर अतिरिक्त कलेक्टर के पास अंतिम स्वीकृति के लिए जा रही है तो उसमें अतिरिक्त कलेक्टर महोदय शासन के बिना नियम के 10 बिंदु पर अपनी आपत्ती लगाकर फाइल को वापस नजूल ऑफिस भेज दे रहे हैं। जिसके कारण जनता बहुत परेशान है, जब शासन ने नियम बना दिए हैं उन नियमों के तहत नजूल में साल भर पेशी भुगतने के बाद फाइल कार्रवाई की प्रक्रिया से होकर जाती है तो अपने मन से कोई भी अधिकारी नियम कैसे बना सकता है। और शहर की जनता को अधिकारी किस तरह नियम का हवाला देकर परेशान कर रहे हैं, क्या इस तरफ कभी गंभीरता से त्वरित फैसले कभी हो सकेगा, क्या विष्णु के सुशासन में जनता को अधिकारियों से खासकर राजस्व और नजूल विभाग के भर्राशाही तौर तरीकों पर कभी विराम लग पाएगा। आम जनता हर रोज दफ्तर के चक्कर कटा – कटा इतना परेशान कर दिया जाता है कि वह लेनदेन करने को मजबूर हो जाए। बजरंग अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओपी चौधरी और रायगढ़ कलेक्टर से मांग की है कि इस बिंदु की पूरी जांच करवरकर पट्टों का नवीनीकरण की प्रक्रिया को 15 दिन के अंदर पूरा किया जा सके। आम जनता के सेवक बजरंग अग्रवाल ने कहा की वे कलेक्टर और रायगढ़ के विधायक और वित्त मंत्री छत्तीसगढ़ शासन से निवेदन करते हैं कि नजूल विभाग में आने वाले नवीनीकरण की प्रक्रिया को सुगम बनाया जाए और आम जनता को राहत दिलाया जाए। अन्यथा सड़क पर उतरकर लाल फीताशाही का विरोध किया जाएगा जिसकी सारी जवाबदारी प्रशासन की होगी।
