अडानी पुरुंगा भूमिगत कोयला खदान के लिये प्रभावित क्षेत्र के लोग विरोध में थे l दो बार कलेक्ट्रेट का घेराव कर जनसुनवाई निरस्त करने की मांग ग्रामीणों ने की थी l वहीं ग्रामवासियों ने यह भी बताया था कि ग्राम सभा से भी जनसुनवाई निरस्त करने का प्रस्ताव पारित किया गया है l दूसरी ओर जिला प्रशासन की ओर से धर्मजयगढ़ एसडीएम की अध्यक्षता में कंपनी औऱ ग्रामीणों के बीच मध्यस्थता करते हुए बैठक आयोजित की गई l ऐसा जिले में पहली बार हुआ है कि विरोध में उतरे ग्रामीणों के बीच प्रशासनिक अधिकारीयों ने कंपनी की ओर से मध्यस्थता कर समझौता कराया हो l इस बात को लेकर प्रशासनिक अधिकारीयों की भूमिका पर भी सवालिया निशान लग रहा है l सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार प्रशासन की पहल और संवादात्मक प्रयासों से धरमजयगढ़ विकासखंड के ग्राम पुरुंगा, तेन्दुमुड़ी, साम्हरसिंघा एवं कोकदार के ग्रामीणों ने मेसर्स अंबुजा सीमेंट लिमिटेड, अडानी पुरुंगा भूमिगत कोयला खदान परियोजना से संबंधित आगामी 11 नवंबर को प्रस्तावित पर्यावरणीय जनसुनवाई में शामिल होने की सहमति प्रदान की है।
ज्ञात हो कि 22 अक्टूबर को स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने ग्रामीणों के साथ कलेक्टर कार्यालय रायगढ़ पहुंचकर जनसुनवाई निरस्त करने की मांग संबंधी ज्ञापन सौंपा था। इस संदर्भ में कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम धरमजयगढ़ प्रवीण भगत की अध्यक्षता में आज जनपद पंचायत धरमजयगढ़ के सभाकक्ष में महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में तेन्दुमुड़ी सहित आसपास के ग्रामों के सरपंच, उपसरपंच, जनप्रतिनिधि एवं मीडिया प्रतिनिधि उपस्थित रहे। बैठक के दौरान ग्रामीणों द्वारा उठाए गए विभिन्न बिंदुओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। अडानी कंपनी के अधिकारियों ने भी अपना पक्ष रखा।
एसडीएम श्री भगत ने ग्रामीणों को जानकारी देते हुए बताया कि प्रस्तावित भूमिगत कोयला खनन परियोजना से न तो कृषि भूमि प्रभावित होगी, न ही जल-जंगल-जमीन को कोई नुकसान पहुंचेगा। उन्होंने बताया कि खनन से जलस्तर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और वन्य जीव-जंतुओं व वनोपज संसाधनों की सुरक्षा पूरी तरह सुनिश्चित की जाएगी। इस परियोजना में खदान पूरी तरह भूमिगत होगी तथा इससे ग्रामीणों को कोई भी विस्थापन नहीं होगा, जबकि कंपनी के आगमन से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि ग्राम सभा के अधिकार, परंपराएं और पेशा एक्ट के सभी प्रावधान अपने मूल स्वरूप में सुरक्षित रहेंगे। वन्यजीव संरक्षण एवं पर्यावरणीय मानकों का पालन कंपनी द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा। कोयले का परिवहन रेल मार्ग से किया जाएगा, जिससे सड़कों पर यातायात दबाव और प्रदूषण में कमी आएगी। बैठक के अंत में ग्रामसभा के माध्यम से कंपनी, प्रशासन और ग्रामीणों के बीच सकारात्मक संवाद स्थापित हुआ। ग्रामीणों ने प्रशासन के आश्वासनों और परियोजना संबंधी स्पष्ट जानकारी के बाद जनसुनवाई में भाग लेकर अपनी बात रखने पर सहमति जताई।