रायगढ़। वर्ष 2015 में राजस्व मंडल ने गोवर्धनपुर में जिस आदिवासी महिला की जमीन की रजिस्ट्री के अनुमति को निरस्त कर महिला को वापस करने का आदेश दिया था, वह जमीन अब गायब हो गयी है। अब तक न तो महिला को जमीन वापस मिली न ही राजस्व विभाग वह जमीन बता पा रहा है।

राजस्व मंडल द्वारा पूर्व में जारी आदेश के अनुसार गोवर्धनपुर में खसरा नंबर 9/6 व 32/20 में कुल 1.113 हेक्टेयर भूमि को अधिसूचित आदिम जनजाति के भू-स्वामी धनमति उरांव से केशव टाउनशिप व सदगुरू फर्म के डायरेक्टर ने राजस्व मंडल से खुद अनुमति लेकर क्रय किया था। बाद में वर्ष 2015 में राजस्व मंडल के तत्कालीन अध्यक्ष डीएस मिश्र ने ऐसे कई मामलों को पुर्नविलोकन में लेकर पूर्व में जारी अनुमति को गैर अधिकृत बताकर निरस्त किया था। इममे गोवर्धनपुर के उक्त महिला की जमीन का भी प्रकरण शामिल था। उक्त आदेश में यह स्पष्ट किया गया कि पूर्व में मंडल द्वारा जारी आदेश अनाधिकृत था जिसे निरस्त किया जाता है, अनुमति निरस्त होने के कारण आगे की प्रक्रिया स्वमेव निरस्त होगा। साथ ही उक्त जमीन को महिला के नाम पर वापस दर्ज करने के लिए कहा गया, लेकिन न तो महिला को मौके में जमीन मिली न ही राजस्व रिकार्ड में उसका नाम दर्ज किया गया। आश्चर्य की बात तो यह है कि वह जमीन अब गायब हो गई है। राजस्व विभाग के पटवारी उक्त जमीन नहीं बता पा रहे हैं।

शामिल होने की जता रहे संभावना
क्षेत्र के लोगों की माने तो गोवर्धनपुर के उक्त क्षेत्र का अधिकांश हिस्सा आदिवासियों को आवंटित जमीन है। वहीं केशव टाउनशीप के डायरेक्टर अनिल केडिया ने एकीकृत खसरा नंबर 15000 में 1.776 हेक्टेयर के डायवर्सन के लिए आवेदन लगाया है। जिसे समतल किया गया है। ऐसी स्थिति में संभावना जताई जा रही है कि महिला की जमीन उक्त जमीन के बीच कहीं है।

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