रायगढ़। गोवर्धनपुर में निजी भूमि में समतलीकरण करने के दौरान शमशान की सरकारी भूमि में जेसीबी चलाने से कब्र को नुकसान पहुंचा था। इस मामले में ग्रामीणों के शिकायत पर एफआईआर दर्ज होने के बाद कार्रवाई नहीं होने से लोगों में पहले से नाराजगी है, वहीं अग्रीम जमानत के बाद फिर से कालोनाइजर द्वारा विवादित भूमि में जेसीबी चला दिया गया। जिससे आक्रोशित ग्रामीण मंगलवार को कलेक्टर से शिकायत करने के लिए पहुंचे।
गोवर्धनपुर में पिछले दिनों शमशान की जमीन को समतलीकरण करने व कब्र को नुकसान पहुंचाने के मामले को लेकर बवाल हुआ था। इस मामले में पुलिस ने ग्रामीणों की शिकायत पर वहां काम कर रहे ठेकेदार व काललोनाइजर अनिल केडिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया वहीं राजस्व विभाग ने इस पूरे मामले की जांच करने के लिए सीमांकन कर पंचनामा रिपेार्ट तैयार किया। राजस्व विभाग के पंचनामा रिपोर्ट के अनुसार गोवर्धनपुर में निजी भूमि खसरा नंबर 12/2 के कुल रकबा 0.677 हेक्टेयर में से 0.112 हेक्टेयर में और खसरा नंबर 9/3 के कुल रकबा 1.822 हेक्टेयर में से 0.007 हेक्टेयर भूमि शमशान भूमि के रूप में उपयोग की जा रही थी। जिसको बिल्डर से समतल कर दिया। सरकारी जमीन खसरा नंबर 9/1 के कुल रकबा 2.007 हेक्टेयर में से 0.166 हेक्टेयर को भी शमशान व कब्रिस्तान के रूप में उपयोग किया जा रहा था। राजस्व रिकार्ड में उक्त निजी भूमि द्धारिका प्रसाद, गंगा प्रसाद, पार्वती, लक्ष्मीदेवी, चंद्रिका प्रसाद, सरोज व लवकुमार के नाम पर है। इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के बाद अग्रीम जमानत के लिए भरपुर मौका दिया और इसमें कालोनाइजर को अग्रीम जमानत मिल गई। जिसके बाद सोमवार को फिर से जेसीबी लेकर उक्त विवादित भूमि में जहां कब्र को नुकसान पहुंचाया गया था, समतलीकरण करने के लिए पहुंच गया। जिससे आक्रोसित ग्रामीणों ने कलेक्टर से शिकायत करने के लिए पहुंचे। इस मामले में शिकायत कर पूरे मामले से अवगत कराया गया वहीं कालोनाइजर सहित भू-स्वामी पर कार्रवाई की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा गया है।
बिना डायवर्सन के समतलीकरण्
बताया जा रहा है कि भू-स्वामी कालोनाइजर के साथ मिलकर प्लाटिंग करने की तैयारी में था यही कारण है कि बिना डायवर्सन के कृषि भूमि को समतल किया जा रहा था।