रायगढ़ l अंधाधुंध उद्योग लगने का खामियाजा अब जिले के लोग भुगत रहे है l उद्योगो से हो रहे वायु प्रदूषण से जहाँ कई प्रकार की बीमारियों का शिकार आम जनता हो रही है तो वहीं नदी नालो के किनारे डस्ट डालने व गंदा पानी छोड़ने से शुद्ध पेयजल भी अब लोगों को नसीब नहीं हो रहा है l उल्लेखनीय है कि केलो नदी व उसमें मिलने वाले नालो के किनारे औद्योगिक डस्ट डालने के कारण पिछली बारिश में शहर में पेयजल आपूर्ति ठप्प पड़ गयी थी l डस्ट व गंदा काला पानी बह कर निगम के इंटकवेल में फंस गया था l बावजूद इसके जिम्मेदार अधिकारियो के कान पर जु तक नहीं रेंगी l उद्योगपति, अधिकारियो के गठबंधन से प्रदूषण की मार झेलना जिले वासियों की नियति बन कर रह गयी है l वहीं सरकार चाहे किसी भी दल की हो उद्योगपतियों के साथ ही शासन खड़ा नज़र आता है l नगर निगम की सामान्य सभा की बैठक में निगम कमिश्नर ने स्पष्ट तौर पर कहा कि औद्योगिक डस्ट व गंदा पानी केलो में छोड़ा जाता हैं जिससे इंटक वेल में पानी की सफाई मुश्किल होती हैl ऐसे में शहर वासियो को भी शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं हो पर रहा है l इधर पहले से ही लगे उद्योगो से काफी प्रदूषण फ़ैल रहा हैं बावजूद इसकेआम जनता के जीवन के साथ खिलवाड़ करते हुए लगातार नये उद्योग की स्थापना या फिर पुराने उद्योगो के विस्तार करने में शासन प्रशासन जुटी हुई हैl वर्तमान में पर्यावरण विभाग रायगढ़ विधायक ओ पी चौधरी के पास हैं लेकिन उनके स्वयं के विधान सभा में ही आम जनता प्रदूषण की मार झेलने को मजबूर है l ख़ास कर केलो नदी को औद्योगिक प्रदूषण से बचाने कोई उपाय नहीं किया जा रहा है l

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