रायगढ़। शिक्षण सामग्री एक ही दुकान से खरीदने के लिए पालकों को बाध्य करने के मामले में कार्मेल स्कूल प्रबंधन के खिलाफ हुई जांच की रिपोर्ट अनुश्रवण समिति के समक्ष रखने के सप्ताह भर बाद भी शिक्षा विभाग ने कार्रवाई को आगे ही नहीं बढ़ाया है। वहीं छात्र संगठनों के विरोध के बाद इस विषय को लेकर सभी निजी स्कूलों की जांच के लिए कमेटी का गठन करने की बात भी कही गई थी लेकिन यह मामला भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।ऐसे में जांच रिपोर्ट में भी फेर बदल की सभावना जताई जा रही है l
शिक्षण सामग्री एक विशेष दुकान से ही खरीदने के लिए बाध्य करने के लिए कार्मेल स्कूल प्रबंधन के खिलाफ शिकायत की गई थी। शिकायत पर शिक्षा विभाग की ओर से जांच कराई गई थी। जांच में भी स्लेबस पर सिंधु बुक डिपो का नाम प्रिंट मिला। जांच में स्कूल प्रबंधन व बुक डिपो संचालक की मिलीभगत स्पष्ट रूप से सामने आई थी। वहीं जांच के बाद रिपोर्ट अनुश्रवण समिति के समक्ष भी रखी गई थी। बताया जा रहा है कि समिति में जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्मेल स्कूल की मान्यता रद्द करने अनुशंसा करने की बात कही थी। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बैठक को एक सप्ताह बित जाने के बाद भी न तो अनुश्रवण समिति के निर्णय को सार्वजनिक किया है और न ही समिति के निर्णय पर किसी प्रकार की कार्रवाई को आगे बढ़ाया है। वहीं स्कूल को नोटिस जारी करने की बात भी कही जा रही थी लेकिन स्कूल प्रबंधन को भी किसी प्रकार की कोई नोटिस जारी नहीं की गई है। इसके अलावा छात्र संगठन व कुछ पालकों ने निजी स्कूलों द्वारा शिक्षण सामग्री को एक ही दुकान से खरीदने के लिए बाध्य करने की शिकायत अधिकारियोंं से की गई थी। इस पर सभी निजी स्कूलों की जांच कराने के लिए जल्द ही समिति का गठन करने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से आश्वस्त किया गया था,लेकिन आज पर्यंत किसी प्रकार की समिति का गठन शिक्षा विभाग की ओर से नहीं किया गया है। चुंकि नया शिक्षण सत्र प्रारंभ हो गया है और सभी स्कूलों में किताब खरीदने के लिए स्लेबस भी विथार्थियों दे दिया गया है। ऐसे में अब भी पालकों को एक ही दुकान से किताब खरीदने को बाध्य होना पड़ रहा है। ऐसे में जांच कार्रवाई में विलंब करने सेे शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मंशा भी सही नहीं लग रही है। जब सभी दुगुने दर पर किताब खरीद लेंगे उसके बाद जांच करने से फायदा क्या? वहीं छात्र संगठन भी केवल ज्ञापन देने तक सिमित रह गये हैं।