रायगढ़। आज दिन रविवार को जिला जेल रायगढ़ मे विधिक साक्षरता षिविर का आयोजन किया गया । जिसमें मुख्य न्यायाधीश दीपक कुमार कोषले द्वारा नालसा, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, तालुका विधिक सेवा समिति के गठन एवं उनके द्वारा प्रदान की जाने वाली विधिक सेवाओं के सबंध में विस्तृत जानकारी दी गई । कौन-कौन व्यक्ति विधिक सेवा के हकदार है।
निशुल्क विधिक सहायता अंतर्गत बंदियों के क्या-क्या
अधिकार हैं की भी जानकारी दी गई । अपराध किस प्रकार किसी व्यक्ति से हो जाते हैं, यह भी बताया । जेल में परिरूद्ध बंदी जो आवेदन प्रस्तुत नहीं कर पाने
तथा जमानत होने के बावजूद रिहा नहीं हुए हैं, उन बंदियों से विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से आवेदन दाखिल कराये जाने अथवा जेल अधीक्षक के
माध्यम से आवेदन प्रस्तुत कराने के बारे में बताया गया ।
उक्त शिविर में सत्र न्यायाधीश अरविन्द कुमार सिन्हा द्वारा बताया गया कि बहुत से बंदियों को उनके अधिकारो के बारे में जानकारी नही रहती है। बंदियों को रिमाण्ड स्तर पर, विचारण स्तर पर तथा अपीलीय स्तर पर
निशुल्क विधिक सहायता प्राप्त करनें का अधिकार है । इसके अतिरिक्त बंदी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से अपने मामले से संबंधित दस्तावेजों की प्रतियां
निशुल्क प्राप्त कर सकते हैं । सत्र न्यायाधीश द्वारा बताया गया कि न्यायालय में बंदियों के बहुत से छोटे-छोटे मामले लंबित हैं । किंतु कार्य की अधिकतावश इनका निराकरण त्वरित नहीं हो पाता है । जिनका प्रत्येक शनिवार को लगने वाले जेल
लोक अदालत के माध्यम से निराकरण कराये जा सकने की जानकारी दी गई । सत्र न्यायाधीश द्वारा जेल का निरीक्षण भी किया गया ।जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायगढ़ स्टेनो कु0 मधुलिका मिश्रा,क्लर्क ललित कुमार साव, भृत्य रविन्द्र कुमार बेहरा तथा पैरालीगल
व्हालिंटियर संतोष कुमार सिदार तथा आयुश कुमार देवांगन, अधिवक्ता दीपक शर्मा, अधिवक्ता अनुप साहू तथा जिला जेल रायगढ़ के एस0पी0कुर्रे,
सहायक जेल अधीक्षक एवं स्टाफ उपस्थित रहे ।
