यू तो रायगढ़ जिले में पर्यावरण संरक्षण मण्डल का कार्यालय सदैव उद्योगपतियों के सरंक्षण में नज़र आता है l अब तक जनसुनवाई की ओपचारिकता निभा कर उद्योगो को पर्यावरणीय स्वीकृति देने का काम इस विभाग में होता आया है l उद्योगपतियों द्वारा कॉपी पेस्ट कर दी गयी ईएनआई रिपोर्ट की बिना अध्ययन के जनसुनवाई करवाये जाने और विरोध के बाद भी पर्यावरणीय स्वीकृति देने की बात सामने आती रही है l वहीं इस बार तो पर्यावरण विभाग की सारडा एनर्जी एण्ड मिनरल्स लिमिटेड कम्पनी पर विशेष मेहरबानी नज़र आ रही है l सारडा एनर्जी एण्ड मिनरल्स लिमिटेड की तमनार क्षेत्र के कोल माइंस का विस्तार होना है जिसमें कारवाही, खमरिया, सराईटोला, ढोलनारा एवं बजरमुड़ा गांव प्रभावित होंगे l चुंकि यह क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है लिहाजा यहां पेसा क़ानून लागू होना चाहिए लेकिन प्रशासन उद्योगपतियों के लिए क़ानून कायदो को दरकिनार कर देते है l इस मामले में भी कुछ ऐसा ही हो रहा है l कोल माइंस की जनसुनवाई के बजाय केक्ल दावा आपत्ति मंगा कर येन केन प्रकारेण स्वीकृति देने की तैयारी चल रही है l तामनार क्षेत्र में इस बात को लेकर ग्रामीणों में भी शासन प्रशासन के खिलाफ काफी आक्रोश देखा जा रहा है l

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