रायगढ़ l शासकीय पालूराम धनानियां वाणिज्य एवं कला महाविद्यालय परिसर में बुधवार 29 अक्टूबर को विश्वविद्यालय स्तरीय लोकनृत्य का आयोजन अत्यंत गरिमामय वातावरण में संपन्न हुआ। यह उत्सव विभिन्न महाविद्यालयीन प्रतिभागियांं के उत्साह, रोमांच और सांस्कृतिक गतिविधियों में विषेष तौर पर लोक नृत्य का मंच बना। प्राचार्य डॉ. ज्योति सोनी के नेतृत्व एवं प्राध्यापक एवं कार्यक्रम संयोजक डॉ. हेम कुमारी पटेल के मार्गदर्शन में धार्मिक परम्पराओं के अनुसार देवी-देवताओं के पूजन एवं दीप प्रज्वलन से हुआ, जिससे संपूर्ण वातावरण सांस्कृतिक और आध्यात्मिक ऊर्जा से भर उठा। अतिथियों के स्वागत सत्कार के साथ विधि विभागाध्यक्ष डॉ. प्रदीप शर्मा ने कहा कि इस तरह के आयोजन संस्थान की गरिमा, परंपरा और प्रेरणा के प्रतीक होते हैं। इसी क्रम में, प्राचार्य डॉ. सोनी ने बताया आयोजन विद्यार्थियां की रचनात्मकता, सांस्कृतिक चेतना और नेतृत्व क्षमता को उजागर करने का माध्यम बनते हैं। वहीं, मंच संचालन कर रहीं कार्यक्रम संयोजक डॉ. पटेल ने इस वृहंगम आयोजन में प्रतिभागियां की हौसला-अफजाई की। यहां, आयोजन में कुल 8 महाविद्यालयों के प्रतिभागियां की उच्च स्तरीय प्रस्तुति ने सभी का मन मोह लिया। प्रस्तुतिकर्ताओं ने छत्तीसगढ़ महतारी वंदन, संत श्री गुरूघासी दास की स्मृति में नृत्य एवं सामूहिक नृत्यां में करमा, सुआ और पंथी नृत्यों के माध्यम से लोक नृत्य उत्सव को जीवंत बना दिया।
उल्लेखनीय है कि कार्यक्रम में तीन अलग-अलग महाविद्यालय से आए निर्णायक क्रमशः स्वामी आत्मानन्द अंग्रेजी माध्यम कॉलेज रायगढ़ से डॉ. सी.सी. मिश्रा, शासकीय महाविद्यालय धरमजयगढ़ से डॉ. अनिल कुमार पाणिग्राही एवं किराड़ीमल शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय से डॉ. प्रीति षडंगी ने बारीकी से प्रतिभागियों की कला एवं दक्षता का आंकलन कर प्रतियोगिता परिणाम सुरक्षित रख लिए। उन्होंने अपने अनुभवों से प्रेरित होकर विद्यार्थियों को जीवन की चुनौतियों से जूझने और एक कलात्मक विद्यार्थी बनने की प्रेरणा दी। आयोजनकर्ता महाविद्यालय से इस दौरान वरिष्ठ प्राध्यापकों में डॉ. ऊषा नायक, अर्थषास्त्र के ज्ञाता डॉ. डी.सी. पटेल और हिन्दी के प्राध्यापक डॉ.. आर.के. लहरे एवं टी.एस. पैंकरा, डॉ. सौरभ प्रधान, प्रो. किशोर कुमार माली, डॉ. ममता साहू एवं ग्रंथपाल श्री के.आर. सोनी, अतिथि व्याख्याता डॉ. चंद्र प्रकाष पाण्डेय, डॉ. महेन्द्र सप्रे एवं श्रीमती विमला कुर्रे, व मध्यप्रदेष शहडोल से हाल ही में आए प्राध्यापक डॉ. चंद्र प्रकाष मिश्रा सहित मुख्य लिपिक पन्ना लाल सोन, लिपिक राम बजरंग थवाईत कर्मचारी षिव कुमार साव, मीनकेतन निर्मलकर, कैलाष चंद्र भोई, सुश्री आकांक्षा यादव एवं संतोष कुमार यादव सहित विभिन्न महाविद्यालयों के प्रतिभागियों एवं उनके व्यवस्थापक में क्रांति कुमार भारती स्नात्कोत्तर महाविद्यालय सक्ती से हेम पुष्पा चंद्रा, श्री राम आदर्श महिला महाविद्यालय से संजय कुमार चंद्रा, कोणार्क षिक्षा महाविद्यालय, खोख्सा, जांजगीर चांपा से आए कुलेष्वर प्रसाद, रायगढ़ कॉलेज ऑफ एजुकेशन रायगढ़ से स्मृति देषमुख, डॉ. शक्राजीत नायक शासकीय महाविद्यालय बरमकेला, सारंगढ़ से एस.के. सांकरे, डॉ. भीम राव अंबेडकर शासकीय महाविद्यालय पामगढ़ जिला जांजगीर चांपा से मीरा टंडन एवं डॉ. एस.आर. महेन्द्र, शासकीय लोचन प्रसाद पाण्डेय स्नात्कोत्तर महाविद्यालय जिला सारंगढ़ से हेमलता सिदार, शासकीय महाविद्यालय तमनार जिला रायगढ से श्वेतमाला पैंकरा एवं शासकीय स्नातक महाविद्यालय डाभरा जिला सक्ती से कुषाल कहार एवं सुश्री रानी गोरख की क्रमशः प्रतिभागिता व उपस्थिति रही।
गौरतलब हो कि कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय के परिसर के चहुं ओर दर्शकों की भीड़ खचा-खच भरी रही और दर्शक दीर्घा की तालियों की गुंज महाविद्यालय परिसर के बाहर तक पहुंचती रही। इधर, बुधवार को पी.डी. महाविद्यालय में हुए इस आयोजन की झलक आगामी 08 नवम्बर को शहीद नन्द कुमार पटेल विष्वविद्यालय में भी देखने को मिल सकती है। जहां, शासकीय पालूराम धनानिया वाणिज्य एवं कला महाविद्यालय रायगढ़ हुए कार्यक्रम में विजेता रहे प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जाएगा। पुनः उल्लेखनीय है कि एन.सी.सी. व एन.एस.एस. के स्वयं सेवकों ने इस पूरे कार्यक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

