इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय में सहायक कुल सचिव विजय सिंह की नियुक्ति को लेकर विवाद खड़ा हो गया है l खैरागढ़ के अंकित अग्रवाल ने कुल सचिव के नाम दिये गये शिकायत पत्र में विजय सिंह को सहायक कुलपति के पद पर की गयी नियुक्ति को अवैध बताते हुए निरस्त करने की मांग की है l उनके द्वारा दिये गये शिकायत पत्र में बताया गया है कि विजय सिंह तत्कालीन कुलपति माण्डवी सिंह की बहन का दामाद है इसलिए माण्डवी सिँह ने अपने पद का दुरूपयोग करते हुए विश्वविद्यालय अधिनियम व शासन के नियमों को दर किनार कर वर्ष 2013 में सहायक कुल सचिव के पद पर सविदा नियुक्ति की गई इसके बाद वर्ष 2016 में उसे सहायक कुल सचिव के नियमित वेतनमान में नियुक्ति प्रदान कर दी गयी, जबकि विजय सिंह सहायक कुल सचिव के लिये निर्धारित न्यूनतम योग्यता भी नहीं रखते l उनकी भारत के किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से न तो मास्टर डिग्री है औऱ न ही उसके समकक्ष कोई डिग्री प्राप्त की गयी है l ख़ास बात यह है कि कुलसचिव ने विजय सिंह को नियमित करने सविदा भर्ती के विज्ञापन प्रकाशन के तीसरे दिन ही नियमित वेतनमान का विज्ञापन प्रकाशित करवा दिया गया l यह घोर आश्चर्य का विषय है l विजय सिंह द्वारा प्रस्तुत किये गये शैक्षणिक प्रमाण पत्र भी अवैध है l वहीं प्रोफेसर मृदुला शुक्ला द्वारा चयन समिति सदस्य रूप में पात्रता न रखने के बावजूद विजय सिंह का अवैध रूप से चयन किया गया जिससे उनकी भूमिका भी संदिग्ध है l उस वक़्त भी इस अवैध नियुक्ति को लेकर कुछ लोगों ने शिकायत की थी परन्तु मंडावी सिंह ने अपने पद का दुरूपयोग करते हुए सभी शिकायतों को दबा दिया गया l अंकित अग्रवाल ने विजय सिंह की इस अवैध नियक्ति को निरस्त करने की मांग की है l माना जा रहा है कि विजय सिंह को वर्तमान कुलपति का भी वर्दहस्त प्राप्त है यही वजह है कि उसके खिलाफ किसी प्रकार की जांच नहीं हो रही है l अब देखना यह है कि इस पर कोई कार्रवाई शासन स्तर पर होती है अथवा पूर्व की तरह मामले को रफा दफा कर शिकायत पत्र को रद्दी की टोकरी में डाल दिया जायेगा l