रायगढ़ l मगर निगम प्रशासन ने नदी की भूमि पर दुकानों का निर्माण कर दिया है l मरीन ड्राइव पर बनी दुकान अब निगम प्रशासन के गले का फांस बन गयी है l नगर निगम की सोमवार को हुई सामान्य सभा की बैठक में दुकानों को किराये पर देने और किराये की आई ऑफर दर की स्वीकृति के लिए प्रस्ताव लाया गया था l इस प्रस्ताव पर विपक्ष ने शहर सरकार ने जमकर घेरा और विपक्ष के सवालो का जवाब भी निगम प्रशासन द्वारा गोल मोल दिया गया l दुकान को किराये पर देने के विषय में वरिष्ठ पार्षद सुभाष पाण्डेय ने सवाल खड़े करते हुए पूछा कि क्या मरीन ड्राइव की जमीन निगम को हस्तान्तरित हुई है क्या? दुकान आबटन में इतना विलम्ब क्यों हुआ? दर स्वीकृति का प्रस्ताव लाने से पहले निविदा समिति ने क्या अभिमत दिया है? सुभाष पाण्डेय के सवाल पर एमआईसी सदस्य व राजस्व विभाग प्रभारी सलीम नियरिया ने तकनिकी जानकारी नहीं होने पर विभागीय अधिकारी जो जानकारी देने कहा l वहीं उप आयुक्त सुतिक्षण यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि उक्त भूमि वर्तमान में नगर निगम को हस्तान्तरित नहीं हुई है शासन को जमीन देने प्रस्ताव भेजा गया है l वहीं विलम्ब होने के विषय में उन्होंने बताया कि 8 दिसंबर 2022 को एम आई सी में प्रस्ताव आया था सामान्य सभा नहीं होने की वजह से विलम्ब हुआ है l वहीं नेता प्रतिपक्ष पूनम सोलंकी ने भी दुकान निर्माण पर सवाल उठाते हुए कहा कि ज़ब जमीन ही निगम की नहीं हैं तो प्रस्ताव में निगम स्वामित्व क्यों दर्शाया गया है?
इस प्रकार मरीन ड्राइव में नदी मद की जमीन में बनी दुकानों पर नगर निगम प्रशासन पर विपक्ष ने सवाल खड़ा किया है l
