बिलासपुर केंद्रीय जेल प्रबंधन और पुलिस की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है l हत्या के एक फरार कैदी ने सरेंडर के बाद जहर खाकर आत्महत्या का प्रयास किया है l मस्तूरी क्षेत्र निवासी कैदी मुकेश कान्त जो कुछ महीने पहले अंबिकापुर जेल से फरार हुआ था, और हाल ही में बिलासपुर कलेक्टर के सामने सरेंडर किया था l मुकेश को बिलासपुर के सिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है l फिलहाल उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है l बताया जा रहा है कि मामला अंबिकापुर केंद्रीय जेल से जुड़ा हुआ है l मस्तूरी क्षेत्र निवासी मुकेश कांत 2013 से हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था l इसी साल फरवरी में इलाज के दौरान वह पुलिस को चकमा देकर अस्पताल से फरार हो गया था l लंबे समय तक फरार रहने के बाद मंगलवार को उसने बिलासपुर कलेक्टर के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया l वहीं सरेंडर के दौरान मुकेश ने कलेक्टर को एक लिखित शिकायत पत्र भी सौंपा था जिसमें अंबिकापुर जेल प्रबंधन पर वसूली और प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए थे l कलेक्टर ने तत्काल इसकी सूचना सिविल लाइन पुलिस को दी, जिसके बाद पुलिस कैदी को थाने ले गई l बताया जा रहा है कि कुछ देर थाने में रखने के बाद कैदी को केंद्रीय जेल बिलासपुर भेजा गया जहाँ पूछताछ के बाद जेल प्रशासन ने उसे देर रात फिर सिविल लाइन थाने लौटा दिया l हैरानी की बात यह है कि थाने के बाहर कैदी को बिना किसी निगरानी के छोड़ दिया गया जिसके बाद वह परिवार के साथ अपने घर चला गया औऱ सुबह जब उसे यह सूचना मिली कि अंबिकापुर पुलिस उसे गिरफ्तार करने बिलासपुर पहुंच चुकी है तो उसने तनाव में आकर जहर का सेवन कर लिया l परिजनों ने तुरंत उसे सिम्स अस्पताल में भर्ती कराया जहाँ उसकी हालत फिलहाल गंभीर परन्तु स्थिर बताई जा रही है l परिजनों का आरोप है कि पुलिस और जेल प्रशासन की घोर लापरवाही के कारण यह स्थिति बनी l उनका कहना है कि मुकेश ने सरेंडर कर दिया था, फिर भी प्रशासन ने गंभीरता नहीं दिखाई l मुकेश ने यह भी कहा था कि अंबिकापुर जेल में उसे प्रताड़ित किया जाता है इसलिए वह वहीं वापस नहीं जाना चाहता l इस पूरे घटनाक्रम ने पुलिस और जेल व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं l

