रायगढ़। विगत पखवाड़े भर से ज्यादा समय से आस पास के सभी गांवों में हरि संकिर्तन्य नाम यज्ञ की धूम मची हुई है। चार दिनों के भीतर आठ किलोमीटर के दायरे में बसे हुए सात गांवों में हरि संकिर्तन्य नाम यज्ञ का अनुष्ठान संपन्न होने जा रहा है। पंडरीपानी, जुर्डा, कोतर लिया,पतरापाली, भोजपल्ली, महापल्ली और बनोरा में थिरकने लगे हैं लोग मंजीरे और मृदंग की थाप पर। कहीं 24 फरवरी तो कहीं 25 फरवरी तो कहीं 26 फरवरी को दधि भंजन पुर्णाहुति और भंडारे का कार्यक्रम निर्धारित है।

भगवान श्री कृष्ण के अनन्य भक्त श्री चैतन्य महाप्रभु जिन्हें विश्वंभर, निभाई, गौरांग, गौरहरि, गौरसुंदर के नामों से भी जाना जाता है का जन्म 18 फरवरी सन् 1486 में पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में हुआ था। किशोरावस्था में ही पिता और पत्नि को खोने के बाद 24 वर्ष की आयु में ही गृह त्याग कर सन्यास धर्म अपना लिया और बंगाल उड़ीसा से लेकर मथूरा वृंदावन तक घूम घूम कर हरि संकिर्तन्य नाम का प्रचार प्रसार किया। उन्होंने ही,’हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे का 32 अक्षरिय महामंत्र जाप का सूत्रपात किया। कालांतर में गायन वादन और अनूठी नृत्य शैली से उनके अनुयायियों ने इसे प्रचारित किया।

उड़िसा सीमांचल के प्राय सभी गांवों में हरि संकिर्तन्य नाम यज्ञ का आयोजन किया जाता है। सभी गांवों में किर्तन मंडलिया अवश्य होती है जो नाम यज्ञ के अवसर पर न केवल भक्ति रस में डुब कर थिरकते हैं वरन अपनी गायन वादन और नृत्य शैली से लोगों के आकर्षण का केंद्र भी बनते हैं। वर्तमान में यह कला का एक प्रतिस्पर्धात्मक विधा है इसलिए सभी किर्तन मंडलिया नित्य प्रतिदिन इस विधा में निखार लाने के लिए मेहनत करते हैं। नाम यज्ञ के अवसर पर नगर भ्रमण करते हुए अपनी श्रेष्ठता का प्रर्दशन करते हैं।

निस्संदेह यह किर्तन मंडलिया और इस तरह के आयोजन हमारे ग्राम्यांचल में सामाजिक सौहार्द, समरसता, आपसी प्रेम और भाईचारे की भावना को संभाल कर रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। 

 महापल्ली में चल रहा अष्टप्रहर नामयज्ञ
56 भोग महाप्रसाद प्रभु को चढ़ाया गया 
ग्राम महापल्ली में अष्टप्रहर नामयज्ञ 22 फरवरी से अधिवास के साथ प्रारंभ हो गया है। 23 फरवरी को सुबह 9 बजे से नाम जपन प्रारंभ हो गया है वही 24 फरवरी को 9 बजे समापन यज्ञ आहुति दोपहर नगर परिक्रमा व संध्या दधिभंजन के साथ महाभण्डारे का आयोजन है। पूरा गांव भक्ती रस से सराबोर हो गया है। लोइंग ,सियारपाली ,कारिछापर ,साल्हेओना से कीर्तन मंडली पहुंच कर नाम संकीर्तन में शामिल हैं। आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रियब्रत प्रधान ने बताया कि और आसपास के कीर्तन मंडली देर शाम इस आयोजन में शामिल होने की संभावना है।आज संध्या आरती के समय स्थानीय भक्तजनों ने 56 भोग महाप्रसाद प्रभु को अर्पित किया गया ।

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