प्रदेश में दिसम्बर को प्रस्तावित नगरीय निकाय चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है l भाजपा और कांग्रेस में उम्मीदवारी के लिए नेताओ का दौरा भी शुरू हो चूका है l वहीं पार्षद, पूर्व पार्षद और नए चेहरे ने वार्डो में सक्रियता दिखानी शुरू कर दी है l निकाय चुनाव में नए चेहरों और युवाओ को मिले सकता है अधिक महत्व l
कांग्रेस भाजपा दोनों राजनीतिक दल इस बार टिकिट वितरण फार्मूला बदल सकते हैं l इसकी सबसे बड़ी वजह में युवा और नए चेहरों को मौका देने की उठ रही की मांग मानी जा रही है l विधानसभा और लोकसभा चुनाव में मिली बड़ी जीत के बाद भाजपा जहां उत्साह में है l वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस भी हाथों से नगर निगम की सत्ता को खोना नहीं चाह रही है l भीतरखाने से तो यह भी खबर आ रही है कि भाजपा वर्तमान पार्षदों की टिकट काटकर नए चेहरों को मौका दे सकती है, तो वही कांग्रेस युवा चेहरों को मैदान पर उतार सकती है l
भाजपा ने जहां विधानसभा चुनाव से लेकर लोकसभा चुनाव और मंत्री मंडल गठन को लेकर कई चौकाने वाले निर्णय के साथ नये चेहरों को सामने लाया है इसी तर्ज पर अब निकाय चुनाव में कब्जा पाने के लिए भी कुछ बदलाव भाजपा कर सकती है l वही कांग्रेस में भी कई युवा चेहरों को मौका दिया l जिससे यह स्पष्ट नज़र आ रहा है कि युवाओ और नए चेहरों पर होगा राजनीतिक दलों का फोकस l