निकाय चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस संगठन में बड़ा फेरबदल होने की बात सामने आ रही है l बात करें रायगढ़ की तो जिला कांग्रेस कमेटी शहर अध्यक्ष अनिल शुक्ला के नेतृत्व में तीसरा चुनाव हारी है कांग्रेस l विधान सभा चुनाव में करारी हार के बाद लोकसभा चुनाव में भी रायगढ़ शहर से भाजपा को भारी लीड मिली थी l वहीं नगर निगम चुनाव में भी महापौर प्रत्याशी बुरी तरह हारी है l इसके आलावा मात्र 12 पार्षद ही जीत कर आये है जिनमें अधिकांश संगठन के भरोसे नहीं बल्कि स्वयं की छबि और भाजपा की गुटबाजी का लाभ पाकर अपनी चुनावी वैतरणी पार किये है l यही हाल पुरे प्रदेश में रहा है l पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज के नेतृत्व में भी लगातार कांग्रेस को हर चुनाव में हार का मुँह देखना पड़ा है l पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि पहली पंक्ति के नेताओं में आपसी तालमेल नहीं होना हार का एक कारण है l यही वजह है कि प्रदेश कांग्रेस में संतुलन बनाने के लिए नई रणनीति बनाई जा रही है l पूर्व सीएम भूपेश बघेल को महासचिव और प्रभारी बनाकर राजस्थान फार्मूला अपनाये जाने का संकेत कांग्रेस ने दिया है l पीसीसी के साथ ही डिसीसी में भी सबको साथ लेकर चलने वाले को जिमेदारी सौंपनी होगी अन्यथा अगले चार वर्षो में कही कांग्रेसमुक्त छत्तीसगढ़ न हो जाय l